Monday,
18,and 19, September
Date may vary
Ganesh Chaturthi / Ganesh Puja is majorly a national festival, which is marked with the installation of Ganesh clay idols both publicly and privately. The festival celebrates Lord Vinayaka or Ganesh as the God of new beginnings and remover of hurdles. Lord Ganesh is worshipped for prosperity and knowledge.
Ganesha Chaturthi 2023:
इस दिन है गणेश चतुर्थी व्रत, पढ़ें गणेश चतुर्थी व्रत कथा
इस दिन है गणेश चतुर्थी व्रत, पढ़ें गणेश चतुर्थी व्रत कथा
इस दिन भगवान गणेश की पूजा होती है और उनका व्रत रखा जाता है। शाम को चांद को
अर्घ्य देकर व्रत पूरा होता है। इस दिन सुबह सवेरे स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनकर भगवान
अर्घ्य देकर व्रत पूरा होता है। इस दिन सुबह सवेरे स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनकर भगवान
गणेश की अराधना करनी चाहिए। कहा जाता है कि भगवान गणेश विघ्नहर्ता है और सभी की मनोकामनाएं
पूरी करते हैं। इसलिए इस दिन व्र रखने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। इस दिन
ऊं चतुराय नमः, ऊं गजाननाय नमः, ऊं विघ्नराजाय नमः, ऊं प्रसन्नात्मने नमः मंत्रों का जाप करना चाहिए।
पूरी करते हैं। इसलिए इस दिन व्र रखने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। इस दिन
ऊं चतुराय नमः, ऊं गजाननाय नमः, ऊं विघ्नराजाय नमः, ऊं प्रसन्नात्मने नमः मंत्रों का जाप करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी की कथा
कथानुसार एक बार मां पार्वती स्नान करने से पूर्व अपनी मैल से एक सुंदर बालक को उत्पन्न किया और उसका नाम गणेश रखा। फिर उसे अपना द्वारपाल बना कर दरवाजे पर पहरा देने का आदेश देकर स्नान करने चली गई।
थोड़ी देर बाद भगवान शिव आए और द्वार के अन्दर प्रवेश करना चाहा तो गणेश ने उन्हें अन्दर जाने से रोक दिया।
इस पर भगवान शिव क्रोधित हो गए और अपने त्रिशूल से गणेश के सिर को काट दिया और द्वार के अन्दर चले गए।
जब मां पार्वती ने पुत्र गणेश जी का कटा हुआ सिर देखा तो अत्यंत क्रोधित हो गई। तब ब्रह्मा, विष्णु सहित सभी देवताओं ने
उनकी स्तुति कर उनको शांत किया और भोलेनाथ से बालक गणेश को जिंदा करने का अनुरोध किया। महामृत्युंजय रुद्र उनके अनुरोध
को स्वीकारते हुए एक गज के कटे हुए मस्तक को श्री गणेश के धड़ से जोड़ कर उन्हें पुनर्जीवित कर दिया।
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